उम्मीद ..................
मेरे इस प्यार के दिल रुपी बीज को
अपनी चाहत की मिटटी मे बो दो
फ़िर देखना हर पल हर क्षण
खुशियों के फूल खिलेंगे,
अगर तुम इसे तोड़ दोगे
तो तुम्हे क्या मिलेगा... कुछ नही
केवल इस में रह जायेगी
मेरी प्यार की चिता की राख
जो आंसूं बन कर आंखों से बहेंगी !
Monday, December 22, 2008
Subscribe to:
Posts (Atom)